मगर तू कट्टर बनता है, तो यह हम सब को धोखा है। मगर तू कट्टर बनता है, तो यह हम सब को धोखा है।
नफरत न फैल जाए, संभल जाओ चमन वालों । कुछ दौर ही ऐसा है सब , मिल के संभालो। नफरत न फैल जाए, संभल जाओ चमन वालों । कुछ दौर ही ऐसा है सब , मिल के संभालो।
घर में घर में
मध्यांतर में मध्यांतर में
शीशे में शीशे में
क्या रिश्ता उससे मेरा है क्यूँ याद आती हर पल उसकी थम जाता दिल मेरा हैहर बातों में याद उसकी सुख दुःख ... क्या रिश्ता उससे मेरा है क्यूँ याद आती हर पल उसकी थम जाता दिल मेरा हैहर बातों मे...